Sunday, October 12, 2008

kyun kehtey ho.........

क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता, सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता!!
कोई सह लेता है कोई कह लेता है, क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता!!
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे यहाँ, ठोकर देने वाला हर पत्थर नही होता !!
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो, इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता!!
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर, ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में नही होता !!